गुलामी हैं या आजादी पता ही न चलता,
गैस के चम्बर बिना ही शरीर फुकता रहता...!!!
इन् स्टील की जंजीरों को क्या बनाना,
अपराध बिना भी जीवन ताउम्र जलता रहता...!!!
यूँ उठा कर रख दी हैं हीरोशीमा पर यादें,
पर जेहन का क्या हैं जो खुद उनसे डरता रहता....!!!
गैस के चम्बर बिना ही शरीर फुकता रहता...!!!
इन् स्टील की जंजीरों को क्या बनाना,
अपराध बिना भी जीवन ताउम्र जलता रहता...!!!
यूँ उठा कर रख दी हैं हीरोशीमा पर यादें,
पर जेहन का क्या हैं जो खुद उनसे डरता रहता....!!!
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