बड़ी खामोसी से बैठे हैं फूलो के धरौदे....जरा पूछ बतलाएंगे सारी गुस्ताखिया....!!!______ प्यासे गले में उतर आती....देख कैसे यादों की हिचकियाँ....!!!______ पलके उचका के हम भी सोते हैं ए राहुल....पर ख्वाब हैं की उन पर अटकते ही नहीं....!!!______ आईने में आइना तलाशने चला था मैं देख....कैसे पहुचता मंजिल तो दूसरी कायनात में मिलती....!!! धुप में धुएं की धुधली महक को महसूस करते हुए....जाने कितने काएनात में छान के लौट चूका हूँ मैं....!!!______बर्बादी का जखीरा पाले बैठी हैं मेरी जिंदगी....अब और कितना बर्बाद कर पाएगा तू बता मौला....!!!______ सितारे गर्दिशों में पनपे तो कुछ न होता दोस्त....कभी ये बात जाके अमावास के चाँद से पूछ लो....!!!______"

मंगलवार, 28 अगस्त 2012

अश्कों की बातें...

अश्कों की बातें दिल भी नाजाने,
सब्र की पुल पर खड़े हैं देख,
ना जाने कितने तराने....
कुछ बिखरे यादें हैं तो कुछ टूटे पैमाने...
इतनी खामोसिया रहती सुनी रातों में,
एकाएक कहा चल जाते झिगुरों के तराने,
खैर ज़िन्दगी भी हैं ऐसी की,
लिए चलते हैं उनको भी घुमाने फिराने....

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