टूटते तारों में वो नजाकत नहीं होती,
जितना लोग उनके जेबों से टटोलते रहते..!!!
वो तो मुख़्तसर ही समय गुजार लिया,
पर लोग झूठ में ही उन्हें पुकारते रहते..!!!
जितना लोग उनके जेबों से टटोलते रहते..!!!
वो तो मुख़्तसर ही समय गुजार लिया,
पर लोग झूठ में ही उन्हें पुकारते रहते..!!!
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