पैदल चल रहे हो तो किसी को साथ ले लेना ,
टूटे परों लदे रास्तों में अपनी साख बचा लेना...!!!
एक गजल खातिर मुह फुलाई बैठी रुत देख,
कभी उसकी तो कभी अपनी सुध बुला लेना ...!!!
एक सकरी गली तलक पहुच चुकी जिंदगी,
हो सके तो अब तो तुम तिराहे बदल लेना... !!!
आजाद परिंदे छुपे बैठे हैं उस पहाड पीछे,
मौका मिले तो उनसे भी जाके मिल लेना...!!!
टूटे परों लदे रास्तों में अपनी साख बचा लेना...!!!
एक गजल खातिर मुह फुलाई बैठी रुत देख,
कभी उसकी तो कभी अपनी सुध बुला लेना ...!!!
एक सकरी गली तलक पहुच चुकी जिंदगी,
हो सके तो अब तो तुम तिराहे बदल लेना... !!!
आजाद परिंदे छुपे बैठे हैं उस पहाड पीछे,
मौका मिले तो उनसे भी जाके मिल लेना...!!!
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