बड़ी खामोसी से बैठे हैं फूलो के धरौदे....जरा पूछ बतलाएंगे सारी गुस्ताखिया....!!!______ प्यासे गले में उतर आती....देख कैसे यादों की हिचकियाँ....!!!______ पलके उचका के हम भी सोते हैं ए राहुल....पर ख्वाब हैं की उन पर अटकते ही नहीं....!!!______ आईने में आइना तलाशने चला था मैं देख....कैसे पहुचता मंजिल तो दूसरी कायनात में मिलती....!!! धुप में धुएं की धुधली महक को महसूस करते हुए....जाने कितने काएनात में छान के लौट चूका हूँ मैं....!!!______बर्बादी का जखीरा पाले बैठी हैं मेरी जिंदगी....अब और कितना बर्बाद कर पाएगा तू बता मौला....!!!______ सितारे गर्दिशों में पनपे तो कुछ न होता दोस्त....कभी ये बात जाके अमावास के चाँद से पूछ लो....!!!______"
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शनिवार, 11 मई 2013

चमकती अठन्नी


ठुमक के चलते
बस्ता लादे...!!

ऊपर की पाकिट मे
धीरे से भर देती
चमकती अठन्नी..!!

आज कुछ ना
मिलेगा उससे..!!

पर एहसास तो रहेगा
ज़िंदा ताउम्र..!!

©खामोशियाँ

मदर्स डे:


ज़रा गौर से देख...
सारे मदीने
यहीं ताकते हैं...!!

रहमतो को उनके
हर रोज़ आंकते हैं...!!

कभी कमी ना होती
आयतो की दर पे..!!

सुना है
माँ की पुतलियो से
भगवान झांकते हैं..!!

©खामोशियाँ