वो मुकद्दर को गर्दिशों में इतना घुमाया,
यूँ जाना था जन्नत लो जहन्नुम ले आया...!!!
अब्ब किस किस से गिला करे ए मौला,
जब कासिद ने ही पैगाम उल्टा सुनाया...!!!
यूँ जाना था जन्नत लो जहन्नुम ले आया...!!!
अब्ब किस किस से गिला करे ए मौला,
जब कासिद ने ही पैगाम उल्टा सुनाया...!!!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें