कहाँ तलक देखू उसे मैं बता ए मौला,
सुना हैं वहाँ दिन में ही रात होता हैं...!!!
बस कोई यह बता दे उन बहती आँखों से,
मोतियाँ बिखेरने से भी चेहरा ख़राब होता हैं...!!!
बड़ी रातों में बेहोश पड़ा रहा मैं भी,
अब उन सपनो में कहाँ नया लिवास होता हैं...!!!
सुना हैं वहाँ दिन में ही रात होता हैं...!!!
बस कोई यह बता दे उन बहती आँखों से,
मोतियाँ बिखेरने से भी चेहरा ख़राब होता हैं...!!!
बड़ी रातों में बेहोश पड़ा रहा मैं भी,
अब उन सपनो में कहाँ नया लिवास होता हैं...!!!
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