बड़ी खामोसी से बैठे हैं फूलो के धरौदे....जरा पूछ बतलाएंगे सारी गुस्ताखिया....!!!______ प्यासे गले में उतर आती....देख कैसे यादों की हिचकियाँ....!!!______ पलके उचका के हम भी सोते हैं ए राहुल....पर ख्वाब हैं की उन पर अटकते ही नहीं....!!!______ आईने में आइना तलाशने चला था मैं देख....कैसे पहुचता मंजिल तो दूसरी कायनात में मिलती....!!! धुप में धुएं की धुधली महक को महसूस करते हुए....जाने कितने काएनात में छान के लौट चूका हूँ मैं....!!!______बर्बादी का जखीरा पाले बैठी हैं मेरी जिंदगी....अब और कितना बर्बाद कर पाएगा तू बता मौला....!!!______ सितारे गर्दिशों में पनपे तो कुछ न होता दोस्त....कभी ये बात जाके अमावास के चाँद से पूछ लो....!!!______"

रविवार, 27 जनवरी 2013

Sinful Tree...!!!



Very backing dazz..!!

A Person clad the sinful trees with dazzling seven fruits..which now charming human...to recast the legend values in new flaunts...!!!
Nowadays person plucking away those attractive magnetic lust...hanging in their garden...!!!
Those disastrous seven are...wrath,greed,sloth,pride,lust,envy and gluttony...all of then only redirect...towards...ignorance,mistrust,arrogance...much more than that...me feeling myself surrounded by them...!!!

कान लगा कर सुन रहा था...
चट्टानों तले कराह रही आवाज़...!!!

एक अजन्मा बीज लेटा हैं...
धरती माँ के कोख में...!!!

पकड़ ले माँ कुछ देर और
वरना उप्पर लूट ले जाएंगे..

उसके अंग तक भी...!!!
कौड़ियो में बिक रहे अस्मत...

कुछ न बचेगा महाप्रलय में
आ गया शायद २०१२ वाला...!!!

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