लो चढ़ गयी निशा तम पर...
और आधी रात हो गयी..!!
लोग होंगे अपने आधे सपनो में
लोग होंगे अपने आधे सपनो में
तभी सारी बात हो गयी..!!
गवाह नहीं ढूंढ पाया मैं..
गवाह नहीं ढूंढ पाया मैं..
जब यह वारदात हो गयी..!!
सुनी हैं हमारी चीखे टपकती बूंदों ने..
सुनी हैं हमारी चीखे टपकती बूंदों ने..
बस जुबान ख़ामोश हो गयी...!!
शायद आधी रात हो गयी...गिना हैं समय का आइना इन टिक टिक ने
लगता खराब समय था वो ए राहुल ..
जब तेरे साथ ये वारदात हो गयी ..!!
बुझ गए सहरों के जलते सम्मे..
बुझ गए सहरों के जलते सम्मे..
परवानो के राखो की बरसात हो गयी...!!
शायद आधी रात हो गयी...लाख बातें सीने से लगाए बैठी ये 9 की रात
कुछ पूछो तो बताये की..
शायद आधी रात हो गयी...लाख बातें सीने से लगाए बैठी ये 9 की रात
कुछ पूछो तो बताये की..
उस से ठिठुरती ठंडक में क्या बात हो गयी..!!
बस इतना दिख रहा था झरोखे से..
बस इतना दिख रहा था झरोखे से..
चाँद की भी नौकरी समाप्त हो गयी..!!
चढ़ गयी चादर फलक पर
और काली रात हो गयी...!!!
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