बड़ी खामोसी से बैठे हैं फूलो के धरौदे....जरा पूछ बतलाएंगे सारी गुस्ताखिया....!!!______ प्यासे गले में उतर आती....देख कैसे यादों की हिचकियाँ....!!!______ पलके उचका के हम भी सोते हैं ए राहुल....पर ख्वाब हैं की उन पर अटकते ही नहीं....!!!______ आईने में आइना तलाशने चला था मैं देख....कैसे पहुचता मंजिल तो दूसरी कायनात में मिलती....!!! धुप में धुएं की धुधली महक को महसूस करते हुए....जाने कितने काएनात में छान के लौट चूका हूँ मैं....!!!______बर्बादी का जखीरा पाले बैठी हैं मेरी जिंदगी....अब और कितना बर्बाद कर पाएगा तू बता मौला....!!!______ सितारे गर्दिशों में पनपे तो कुछ न होता दोस्त....कभी ये बात जाके अमावास के चाँद से पूछ लो....!!!______"

मंगलवार, 15 जनवरी 2013

चाँद की डेट


आज चाँद भी जल्द चला आया...

सितारे भी जमाहियाँ लेते...!!

कोई डेट दिया होगा शाम का
तभी पूरा झिगोला पहना था..!!

काजल लगाकर आय कैसा
देख नजर ना लगे...!!

उतर गया झील में दबे पांव...

लहरों से गले मिलना था..

उफ़ बदल पकड़ ले रहे उसे बार बार...!!

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