बस लिए बैठा फटी पुरानी तस्वीरे...!!!
कुछ अन्सुझी सी एक उदासी लिए
लपेट रहा उसको धूल लभेडे अलबम में..!!
कुछ लम्हे काट कर जेहन में पिन कर लिए...!!!
कुछ अन्सुझी सी एक उदासी लिए
लपेट रहा उसको धूल लभेडे अलबम में..!!
कुछ लम्हे काट कर जेहन में पिन कर लिए...!!!
पर कुछ को छोड दिया वही...पकड़ न सका...!!!
कई को देख आखों को लगा
कोई प्याज काट रहा बगल..!!!
कुछ चिंगारी उठी...धुवां सा हुआ...!!!
अब जलते शहर में क्या करे कोई शायर...!!!
कई को देख आखों को लगा
कोई प्याज काट रहा बगल..!!!
कुछ चिंगारी उठी...धुवां सा हुआ...!!!
अब जलते शहर में क्या करे कोई शायर...!!!
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