कभी प्यार इतनी थी उनसे,
कि यादें पड़ी हैं बस्ते में...!!!
हर ज़िक्र करते थे उनसे हम,
पर अब मिलती न रस्ते में..
बासी भले हो गयी यादें देख पर,
कि यादें पड़ी हैं बस्ते में...!!!
हर ज़िक्र करते थे उनसे हम,
पर अब मिलती न रस्ते में..
बासी भले हो गयी यादें देख पर,
रंगत न उतरी इस गुलदस्ते में...!!!
क्या पहनाए आँखों को कटोरे,
देख अब आंशु बिके हैं सस्ते में ...!!!
क्या पहनाए आँखों को कटोरे,
देख अब आंशु बिके हैं सस्ते में ...!!!
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