उलझी छोटी सी ज़िंदगी ....
कूँची भी सुस्त पड़ी,
रंग-बिरंगे शीशे के बॉटल...
अक्सर पूछा करते,
तस्वीरों से हाल-चाल....!!!
कितने आहिस्ता से,
कंघी करता बालों को....
अभी जन्म ब्रुश*
लबों पर भी
लिपस्टिक* चलाता जाता....!!!
रंगो की दुनिया भी अलग...
कुछ काले...कुछ गोरे,
पर खुद भी द्वेष ना पालते....
बड़े मज़े से घुल जाते,
एक दूजे मे....
आखिर सब मिलेंगे
तभी तो बनेगी...
एक सुंदर...एक सफल
ज़िंदगी की मॉडर्न आर्ट*... !!!
*Brush *Lipstick * Modern Art*
©खामोशियाँ-२०१४
बहुत सुन्दर भाव !
जवाब देंहटाएंNew post चुनाव चक्रम !
New post शब्द और ईश्वर !!!
और बहुत जरूरी है जीवन की ये आर्ट बनाना ... इसमें अनेक रंगों को भरना ...
जवाब देंहटाएंबहुत हिसुन्दर भावों से भरी रचना .....धन्यवाद
जवाब देंहटाएंजिन्दगी का हर रंग खूबसूरत ............
जवाब देंहटाएंसब कुछ प्रक्रुति मेम सुनियोजित है,बावजूद भिन्न्ताओं के.
जवाब देंहटाएंजीवन के केन वास पर रम्गों की विविधता,सम्योजन के साथ जीवन को
पूर्ण करती है.
सम्देश पूर्ण रचना.