बस एक रंगीन टुकड़ा...
...सुबह ही आया
लुढ़कते लुढ़कते...!!
...अब नहीं आता वो...
वरना चला आता था...
....हर रोज़ जहाज
गलियारे मे क्रैश होने...!!
कानो मे आज भी...
...रोती बिलखती चीखे
गूँजा करती बेवक्त...!!
ज़रा आके हटा जा...
...सो गयी ज़िंदगी
हेडफोन लगा के...!!
~खामोशियाँ©
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