जिंदगी कभी ऐसी गूँज भी सुनाती हैं,
बशर को शायरों के चौबारे पहुंचाती हैं...!!!
कोई मोती लादे नयनो में झाँके तो,
कितने किस्से झलकियाँ दिखलाती हैं...!!
कभी बुलाती वो पीले पत्र ओढ़े,
तो कभी जेबों से सूखे नज्म खुलवाती हैं...!!
रात कुरेदता पुराने जख्मो को लिए,
सुबह बासी यादों के पुलाव सनवाती हैं...!!
देखते उड़कर कटे लुढ़कते उन पतंगों को,
ज़िन्दगी भी जाने कितने मंझे कटवाती हैं...!!
~खामोशियाँ©
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएंनवरात्रों की बधाई स्वीकार कीजिए।
आपका सादर धन्यवाद....!!!
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