भट्टी की ओट मे छुपा सेंकता है आज....!!!
बड़ी जल्दबाज़ी मे दिखते आजकल लोग....
कलाई की घड़ी मे दबा ताकता है आज.....!!!
चाँद की भीनी रोशनी जेब मे छुपाए
सूरज की पोटली से पड़ा झाँकता है आज.....!!!
कभी छप्पन-भोग लादे चलता था....
नीम की गोली मे खोया फाँकता है आज....!!!
©खामोशियाँ-२०१४
बहुत सुंदर. होली की मंगलकामनाएँ !
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट : होली : अतीत से वर्तमान तक
सुन्दर रचना...होली की अग्रिम शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएं