कैसे कैसे दिन भी अब आने लगे हैं....
थैले पड़े टमाटर भी मुसकाने लगे हैं...!!
दिन गुजरता था सूखी रोटी पकड़े....
जमे घी रुपया भी पिघलाने लगे हैं...!!
चाय फीकी पड़ती आजकल की...
अदरक का स्वाद बंदर सुनाने लगे हैं....!!
सलाद मे कटे मिलता था कल तक....
आजकल प्याज़ भी आँखें मिलाने लगे हैं...!!
©खामोशियाँ
क्या बात है .. आज कल हर सब्जी आँखें मिलाने लगी है ...
जवाब देंहटाएंजबरदार व्यंग ,... मस्त अंदाज़ ...