प्रेम का अस्तित्व अगर समय रहते पता चल जाए तो बात ही क्या हो। अगर वक़्त करीब रखता तो कद्र ना होती और दूरी बढ़ जाती तो वापस पाना उतना आसान नहीं होता।
खैर प्रेम जरूरी है। लगाव जरूरी है। चाँद-सितारे तोड़ना एक मायना है की हम किस कदर तक आपके एक आवाज़ पर कुछ भी ला सकते।
प्यार ऐसा बंधन है जो अचानक से होता है। अचानक से कोई इतने करीब होता की बिना उसके जीना दुश्वार हो जाता। एक मिनट के लिए भी ओझल ना होने का मन होता।
फिर भी दुनिया चका-चौंध में आजकल रिश्तों की टूटने का खबर सुनता हूँ तो बड़ा दुख होता है। दर्द होता है की कहीं लोगों का प्यार-मोहोब्बत से विश्वास ना उठ जाए। कहीं कोई किसी पर एतबार करना ना छोड़ दे। कुछ बातें ईश्वरी है वो कायम रखना जरूरी।
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प्रेम की आधुनिकता | मिश्रा राहुल
(ब्लोगिस्ट एवं लेखक)
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