चाँद पीछे पड़ा मेरे.....
रात होते ही डोरे डालता....!!
कभी खिड़की से झाँकता....
तो कभी...
आगन पर टेक लगाए रहता....!!
आजकल
दिखता नहीं....
अमावस लिए गयी लगता....!!
महसूस
करता...ना चाहते
भी आँखें लिए जाता...!!
ऊपर फ़लक पर....
निशान हैं आज भी
चमकते उसके पाँव के....!!
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