दिल लगता नहीं पर लगाए बैठे हैं.....!!!
रास्ते कहाँ आज गुलदस्ते थामे....
वादियों के गुलाब मुंह फुलाए बैठे हैं....!!!
नजूमी ले गया जायचा भूल से....
चेहरे इन लकीरों मे उलझाए बैठे हैं....!!!
ज़िंदगी कुछ तेरी थी कुछ मेरी भी....
किस्तों के कई मकान बनाए बैठे हैं.....!!!
©खामोशियाँ-२०१३
बहुत सुन्दर .
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट : उर्जा के वैकल्पिक स्रोत : कितने कारगर
नई पोस्ट : कुछ भी पास नहीं है
नई पोस्ट : A Smile !
Thankyou for keeping regular eyes on my blog....!!!
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना बहुत बधाई।
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