कोहरे की रजाई में लिपटी...
सुबह भी आज कुछ अलसाई हैं...!!!
बड़ी देरी से सोकर उठा सूरज भी...
उसकी चमक अभी तक...
खिड़कियों के दरक्तों में मौजूद हैं...!!!
सुबह भी आज कुछ अलसाई हैं...!!!
बड़ी देरी से सोकर उठा सूरज भी...
उसकी चमक अभी तक...
खिड़कियों के दरक्तों में मौजूद हैं...!!!
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