तुम बात करो या ना करो पर रूठो ना,
इस कदर उलझाकर मुझको कोसो ना।
मैंने सौदे किए तुमसे अपनी चाहतों का,
कभी इस तरीके से मुझको सोचो ना।
चुप हूँ मैं कि दर्द देना नहीं और तुम्हे,
सन्नाटों नें कैसे जकड़ा मुझको पूछो ना।
जुगनू सितारे सब अपने घरों में सोए,
यूं अकेली रात में किसीको खोजो ना।
- मिश्रा राहुल | 27 - मई - 2018
(©खामोशियाँ) (डायरी के पन्नो से)