बड़ी खामोसी से बैठे हैं फूलो के धरौदे....जरा पूछ बतलाएंगे सारी गुस्ताखिया....!!!______ प्यासे गले में उतर आती....देख कैसे यादों की हिचकियाँ....!!!______ पलके उचका के हम भी सोते हैं ए राहुल....पर ख्वाब हैं की उन पर अटकते ही नहीं....!!!______ आईने में आइना तलाशने चला था मैं देख....कैसे पहुचता मंजिल तो दूसरी कायनात में मिलती....!!! धुप में धुएं की धुधली महक को महसूस करते हुए....जाने कितने काएनात में छान के लौट चूका हूँ मैं....!!!______बर्बादी का जखीरा पाले बैठी हैं मेरी जिंदगी....अब और कितना बर्बाद कर पाएगा तू बता मौला....!!!______ सितारे गर्दिशों में पनपे तो कुछ न होता दोस्त....कभी ये बात जाके अमावास के चाँद से पूछ लो....!!!______"

शुक्रवार, 2 नवंबर 2012

करवा चौथ स्पेशल...!!!

अर्शे से ना देखा वो भी एक बार झांक आया...कि चाँद फलक पर लटका हैं या नहीं...सही हैं एक प्यास के मारे उचक उचक के देखते ही रहे आज !!! 
धूल से धुधली पड़ी शाम की अलसाई किरने ... 
उसके इर्द गिर्द पहरा देते कुछ लफंगे अब्र ... !!! 

तन्हाई के दामन में चिपके हैं कुछ राज ... 
चलनी से देखे तो दिखेंगे वो जख्म चाँद के ... !! 

पर शायद आज न आ सकेंगे वो बूढ़े चाचा ... 
धुधिया लालटेन थामे चमकाने फलक को ... !!!

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